Sunday, 5 August 2012

चलो आज खुद अपना मन बहलायें! यदि टीवी पर कार्यक्रम  अरुचिकर हो, यदि अन्य चैनलों पर भी अची फिल्म ना आ रही हो तो स्वयं अपना मन भला लेना चाहिए!

Tuesday, 10 July 2012

Monday, 25 June 2012

सांवरियां घर आये और इंतज़ार कि घरियाँ दूर हुई

Sunday, 17 June 2012

मेरे घर ए दो नन्हे

अगर तुम किसी से वफा  कि उम्मीद रखो तो यह जान लो कि वफा उस नाचीज  का नाम है, जो तुम्हारे दिल में  उस व्यक्ति के प्रति विश्वास है| जब तक तुम्हारा उस आदमी पर विश्वास बना रहेगा तब तक वह तुम्हारे लिए वफादार है. जिस पल तुम्हारे दिल में उस सम्बन्ध को लेकर एक भी शक बैठ गया  उस पल से वह तुम्हारे लिए बडा बेवफा निकला!

Friday, 11 May 2012

ना जाने क्योँ होता हैं ये जिंदगी के साथ अचानक ये मन किसी के जाने के बाद करे फिर उस कि याद छोटी छोटी सी बात ना जाने क्योँ ये:
गलतफेह्मी के हम सभी होते हैं शिकार, हमें इस से बचने का उपाय ढूँढना ही होगा