Suniti
Thursday 24 May 2012
Tuesday 15 May 2012
अब तुम्हारे जाने का रम कुछ कम हुआ
मुझे मिली दो प्यारी बिल्लियाँ
Friday 11 May 2012
ना जाने क्योँ होता हैं ये जिंदगी के साथ अचानक ये मन किसी के जाने के बाद करे फिर उस कि याद छोटी छोटी सी बात ना जाने क्योँ ये:
गलतफेह्मी के हम सभी होते हैं शिकार, हमें इस से बचने का उपाय ढूँढना ही होगा
Monday 7 May 2012
मेरी प्यारी बिल्ली तू कहाँ खो गया
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